乐仙孙根超 发表于 2020-12-21 20:42

偶感

偶感【新韵】
一梦醒来霜满头,人生何处不逢秋。
漫山萧瑟草无力,花自飘零水自流。

田园叟 发表于 2020-12-21 21:29

漫山萧瑟草无力,花自飘零水自流。赏读,问好乐仙孙根超诗友。

温馨家园 发表于 2020-12-21 22:19

欣赏

东村散人 发表于 2020-12-22 18:57

漫山萧瑟草无力,花自飘零水自流。



乐仙孙根超 发表于 2020-12-23 20:57

田园叟 发表于 2020-12-21 21:29
漫山萧瑟草无力,花自飘零水自流。赏读,问好乐仙孙根超诗友。

晚上好,谢谢先生点评,天天快乐!

沽河剑客 发表于 2020-12-23 21:09

欣赏。

乐仙孙根超 发表于 2020-12-24 21:44

温馨家园 发表于 2020-12-21 22:19
欣赏

晚上好,谢谢先生点评,天天快乐!

乐仙孙根超 发表于 2020-12-25 20:06

东村散人 发表于 2020-12-22 18:57
漫山萧瑟草无力,花自飘零水自流。

晚上好,谢谢先生点评,天天快乐!

飘零酒一杯 发表于 2020-12-26 18:55

欣赏,问好。

乐仙孙根超 发表于 2020-12-26 19:43

沽河剑客 发表于 2020-12-23 21:09
欣赏。

晚上好,谢谢先生点评,天天快乐!

自由自在 发表于 2020-12-26 21:14

漫山萧瑟草无力,花自飘零水自流。

乐仙孙根超 发表于 2020-12-27 19:55

自由自在 发表于 2020-12-26 21:14
漫山萧瑟草无力,花自飘零水自流。

晚上好,谢谢先生点评,天天快乐!
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